जॉब/शिक्षा

1 लाख 72 हजार लोगों को मिली नौकरी… सरकार लगाएगी रोजगार मेला…

उतर प्रदेश 14 मार्च 2023 उत्तर प्रदेश में मिशन रोज़गार के तहत ‘रोज़गार मेले’ (Employment Fair) का आयोजन किया जा रहा है. दावा है कि इससे अब तक योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल (Yogi 2.0) में 1 लाख 72 हज़ार युवाओं को अलग-अलग सेक्टर में नौकरी या रोज़गार का अवसर दिया गया है. माना जा रहा है कि बिना किसी लम्बी प्रक्रिया से गुज़रे नौकरी पाने का ये तरीक़ा युवाओं को भी रास आ रहा है.

इस रोजगार मेले में प्राइवेट सेक्टर की बड़ी कम्पनियां भी शामिल हैं. यह उन युवाओं के लिए भी एक प्लेटफ़ॉर्म बन रहा है जो कोविड के दौरान दूसरे प्रदेशों से नौकरी छोड़कर लौटे थे या जिनकी नौकरी कोविड के संकटकाल में चली गई थी.

हर एक जिले में लग रहा रोजगार मेला
नौकरियों के लिए दूसरे प्रदेशों का रुख़ करने वाले युवाओं को यूपी में सामान्य स्तर की नौकरियों के लिए ‘रोज़गार मेले’ आयोजित कर मौक़ा दिया जा रहा है. यूपी में योगी सरकार के पहले कार्यकाल में शुरू हुए रोज़गार मेले अब हर ज़िले की हर विधानसभा में आयोजित लिए जा रहे हैं. हाल ही में, आंकड़े जारी कर कहा गया है कि मार्च 2022 में सरकार बनने के बाद अब तक 1 लाख 72 हज़ार युवाओं को रोज़गार या नौकरी इन्हीं रोज़गार मेलों के ज़रिए मिला है. इसके लिए अब तक 1536 रोज़गार मेलों का आयोजन किया गया है.

मिशन रोजगार में ये एक दिवसीय रोज़गार मेले कारगर साबित हो रहे हैं. यहां बिना किसी लंबी प्रक्रिया से गुज़रे टेस्ट या इंटरव्यू के ज़रिए युवाओं का चयन हो रहा है. यूपी के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर कहते हैं कि ‘यूपी के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. हम लोग इन रोज़गार मेलों के ज़रिए कंपनियों और इन युवाओं के बीच सेतु का काम कर रहे हैं.’

अपने ही शहर में इंटरव्यू दे पा रहे हैं युवा
रोज़गार देने के लिए दूसरे स्तर पर जो कोशिशें होती रही हैं उनमें कई बार भर्ती की प्रक्रिया लम्बी होती है. इसलिए प्राइवेट सेक्टर को जिस तरह युवाओं की ज़रूरत होती है उसके लिए एक-दो दिन का रोज़गार मेला कंपनियों को भी रास आ रहा है. छात्रों को बड़े शहरों में सिर्फ़ इंटरव्यू के लिए न जाना पड़े इसके लिए हर शहर में ये मेले आयोजित किए जा रहे थे. पर अब इसमें युवाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए ज़िले में हर विधानसभा में रोज़गार मेले आयोजित किए जा रहे हैं.

लखनऊ और वाराणसी जैसे शहरों में तो रोज़गार मेलों को बड़ी सफलता मिली है. कई छोटे शहरों में भी युवाओं को बड़ी संख्या में इसके ज़रिए नौकरियां मिली हैं. अब कोशिश मल्टीनेशनल कम्पनियों को लाने की भी हो रही है. श्रम मंत्री अनिल राजभर कहते हैं कि ‘सभी छोटी-बड़ी कम्पनियों को हम आमंत्रित करते हैं पर ख़ास तौर पर ऐसी कम्पनियां जो यूपी में ही युवाओं को रोज़गार दे सकें उनको हम प्राथमिकता देते हैं. जिससे प्रदेश से प्रतिभा का पलायन रुके.’

6 साल में 7.5 लाख युवाओं को रोजगार
साल 2022 में मार्च में सरकार बनने के बाद से 1536 रोज़गार मेलों का आयोजन किया गया है. इसके ज़रिए 1,72,291 प्रदेश के युवाओं को नौकरी या रोज़गार मिला है. सरकार का दावा है कि पिछले समय में रोज़गार मेलों की सफलता को देखते हुए ही इनकी संख्या बढ़ाई गयी थी. 6 साल में 7.5 लाख युवाओं को रोज़गार से जोड़ा गया है.

सबसे ज़्यादा IT सेक्टर की कम्पनियाँ रोज़गार मेले में शामिल हुई हैं. इसके बाद रीटेल, वेयरहाउज़िंग, डेयरी, फ़ाईनेंस, होटल इंडस्ट्री जैसे क्षेत्र की बड़ी कम्पनियां भी युवाओं को रोज़गार देने में आगे रही हैं. रोज़गार मेलों की तरह हर साल इनसे नौकरी पाने वालों की संख्या भी बढ़ी है. 2017-18 में 63,152 युवाओं को 633 रोज़गार मेलों के ज़रिए रोज़गार मिला था. वहीं 2018-19 में 1,03,202 युवाओं को 685 रोज़गार मेलों का आयोजन करके रोज़गार से जोड़ा गया.

2019-20 में यूपी में 733 रोज़गार मेले आयोजित किए गए. इनके ज़रिए 1,43,304 युवाओं को रोज़गार मिला. तो वहीं 2020-21 में 1,47,499 युवाओं को 869 रोज़गार मेले के ज़रिए और 2021-22 में 1,17,430 युवाओं को 822 रोज़गार मेले से लाभ हुआ.

शुरू किया गया सेवामित्र पोर्टल
स्थानीय स्तर पर हुनरमंद लोगों को काम देने और उनके बारे के लोगों को जानकारी देने के लिए ‘सेवामित्र पोर्टल’ और एप की शुरुआत की गयी. अलग-अलग काम करने वालों को हुनर के आधार पर भी रोज़गार मिले, इसके लिए पहले से ऐसा काम कर रहे लोगों को जोड़ने की कोशिश है. वहीं युवाओं की काउन्सलिंग भी की जा रही है.

लखनऊ में आयोजित रोज़गार मेले से चयनित हुए सत्यम मिश्रा को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के कॉल सेंटर में नौकरी मिली है. सत्यम अभी ट्रेनिंग कर रहे हैं. उनका कहना है कि ‘यह बहुत अच्छा प्लेटफ़ॉर्म है. कई बार युवाओं को जानकारी नहीं होती है. पर रोज़गार मेले में जाने पर वहां आपको ऑप्शन मिलता है.’ वहीं, रोज़गार मेले के ज़रिए लखनऊ में ही नौकरी पाने वाली शेख़ सहर बानो का कहना है , ‘मैं अपने शहर में ही काम करना चाहती थी. और रोज़गार मेले से मुझे इस बात का लाभ हुआ है.’

Back to top button