हेडलाइन

आज से पूरे सप्ताह दफ्तर बंद…अब सीधे 1 अगस्त को खुलेंगे ताले…स्कूलों में भी शुक्रवार तक लटका ताला…DA-HRA के हड़ताल से हाहाकार….अफसर-चपरासी सब हड़ताल में…

रायपुर 25 जुलाई 2022। आज से प्रदेश के दफ्तर-कालेज बंद हो जायेंगे। दफ्तरों में पूरे सप्ताह के लिए ताला लटकेगा, जबकि स्कूल शुक्रवार तक के लिए बंद हो जायेगा। छत्तीसगढ़ के इतिहास में महंगाई भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता के लिए इससे बड़ा आंदोलन पहले कभी नहीं हुआ है। हड़ताल की वजह से पूरे प्रदेश का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। प्रदेश के अधिकांश दफ्तर सूने रहेंगे और स्कूलों में ताला लटका रहेगा। कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने तो 24 से 29 जून तक ही निश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है, लेकिन 29 जुलाई शुक्रवार है और 30 जुलाई को शनिवार की छुट्टी और फिर 31 जुलाई की छुट्टी है। मतलब अब सीधे 1 अगस्त को ही अब दफ्तर खुलेंगे।

अगर बीच में सरकार ने हड़ताल खत्म नहीं कराया तो अब पूरे सप्ताह ना तो दफ्तर खुलेंगे और ना ही कोई सरकारी काम होगा। स्कूलों में अनिश्चित और निश्चित आंदोलन को लेकर कंफ्यूजन है, बावजूद ये तो तय है कि शुक्रवार तक तो कोई स्कूल में पढ़ाई सुचारू रूप से नहीं हो पायेगी। स्कूलों में मध्याह्न भोजन भी बुरी तरह से प्रभावित होगी।

अस्पताल खुले तो नर्स और स्वास्थ्यकर्मी नही रहेंगे… स्कूल खुले तो शिक्षक नहीं रहेंगे… दफ्तर खुले तो कर्मचारी नहीं मिलेगा। ऐसे में हड़ताल ने हाहाकार मचा दिया है। ये हड़ताल उस वक्त हो रहा है, जब विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। विपक्ष के तेवर कड़े हैं और कर्मचारियों के मुद्दे पर भी हंगामा करने के मूड में है।
हड़ताल की वजह से तकनीकी विश्वविद्यालय को अपनी परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी है, तो वहीं बिलासपुर में मेडिकल बोर्ड को भी रद्द कर दिया गया है। कुल मिलाकर हड़ताल ने हाहाकार मचा दिया है। स्कूलों में हर वर्ग के शिक्षकों ने डीए-एचआरए के मुद्दे पर हड़ताल का ऐलान किया है। ये बात अलग अलग है कि कोई निश्चतकालीन हड़ताल पर होगा, तो कोई अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, लेकिन इन सब के बीच ये जरूर तय है कि स्कूलों में पढ़ाई बहुत बुरी तरह से प्रभावित होगी।

पहली बार हड़ताल में राजपत्रित अधिकारियों की भी सहभागिता दिख रही है। कई जिलों में अधिकारियों ने खुलकर हड़ताल पर जाने का आह्वान किया है, वही कई जिलों में डीईओ और बीईओ ने भी हड़ताल पर जाने की सूचना दे दी है। इसके अलावे विभागों के 90 प्रतिशत अधिकारी हड़ताल पर जा रहे हैं। अब आलम ये है कि सोमवार से 5 दिन तक प्रदेश में मंत्रालय और संचालनालय में चपरासी से लेकर अधिकारी तक का टोटा हो जायेगा। पहली बार इस तरह का हड़ताल प्रदेश में देखने को मिलेगा। जिसमें राजपत्रित अधिकारी से लेकर चपरासी, ड्राइवर तक हड़ताल में होगा।

मिड डे मील हो सकता है बंद

सबसे बड़े आंदोलन ने सरकार को भी सकते में डाल दिया है। कई जगहों पर दफ्तर में आज से ही ताला लटक गये है, तो कई स्कूलों में सोमवार से तालाबंदी की स्थिति बन गयी है। शिक्षकों की गैर मौजूदगी में स्कूलों में मध्याह्ना भोजन का संचालन कैसे होगा, इसे लेकर भी विभाग सकते में है। इधर, सरगुजा DEO ने सभी BEO को निर्देश दिया है कि वो स्कूलों में प्रधानमंत्री पूरक पोषण आधार योजना के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें। अंबिकापुर, लखनपुर, उदयपुर, सीतापुर, मैनपाट, लुंड्रा और बतौली बीईओ को भेजे निर्देश में कहा गया है कि 25 से 29 जुलाई तक शिक्षक हड़ताल में शामिल हैं। ऐसे में मध्याह्न भोजन योजना को सुचारू रूप से संचालित करने की तैयारी करें। अतिथि शिक्षक, संचालनकर्ता समूह, रसोईयों व सफाईकर्मियों को मध्याह्न भोजन के लिए निर्देश देने का कहा गया है। निर्देश से साफ है कि स्कूल में अगर शिक्षक हड़ताल पर रहे तो मध्याह्न भोजन की योजना चरमराने वाली है। ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश पर क्या स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना का संचालन क्या होगा, इस पर हर किसी की नजर रहेगी।

मेडिकल बोर्ड की बैठक स्थगित

छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी संघ की सामूहिक हड़ताल के कारण 25 जुलाई से 29 जुलाई तक की अवधि में आयोजित मेडिकल बोर्ड की बैठक स्थगित कर दी गई है। प्रति सप्ताह मंगलवार एवं शुक्रवार को जिला अस्पताल में बोर्ड की बैठक नियमित रूप से होती रही है। सिविल सर्जन ने बताया कि कर्मचारियों द्वारा हड़ताल में शामिल होने की सूचना दिये जाने के कारण बैठक स्थगित कर दी गई है।

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