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OPS के संशोधित आदेश से शिक्षक पसोपेश में… सहायक शिक्षक फेडरेशन ने जताया विरोध, मनीष मिश्रा बोले- “राशि की कटौती 2012 से लाभ 2018 से, ये तो बड़ा अजीब है”

रायपुर 23 जनवरी 2023। पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारी-शिक्षक पसोपेश में हैं, उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है कि वो पुरानी पेंशन को लेकर खुशी मनाये या फिर नाराजगी का इजहार करें। दरअसल पुरानी पेंशन बहाली को लेकर राज्य सरकार ने संशोधित आदेश जारी किया है। कैबिनेट में पूर्व में लिये फैसले के आधार पर राजपत्र में संशोधित सूचना के आधार पर वित्त विभाग ने OPS को लेकर निर्देश दिया है कि वो जो भी कर्मचारी NPS से OPS में आना चाहते हैं, उन्हें शपथ पत्र देना होगा।

शपथ पत्र में कर्मचारियों को स्पष्ट करना होगा कि उन्हें तो NSDL से NPS की जो राशि मिलेगी, वो राशि सेवानिवृति या मृत्यु परांत राशि को शासकीय खाते में जमा करायेंगे। पैसा जमा नहीं कराने पर पुरानी पेंशन की राशि भुगतान अदायगी का आदेश जारी नहीं होगा। ऐसे में वो शिक्षक या वैसे कर्मचारी बुरी तरह उलझन में हैं, जो शिक्षाकर्मी से एलबी शिक्षक बने हैं या हाल में जिनका नियमितिकरण हुआ है।

दरअसल प्रदेश में NPS की व्यवस्था साल 2012 से लागू हुई है। मतलब शिक्षाकर्मी रहते एलबी शिक्षकों की NPS की कटौती साल 2012 से हो रही है, जबकि इन एलबी शिक्षकों का संविलियन पंचायत से शिक्षा विभाग में साल 2018 में हुआ। ऐसे में इन शिक्षकों की राशि को एनपीएस में साल 2012 से जमा हो रही है, लेकिन ओपीएस का लाभ इन्हें साल 2018 की तिथि को ज्वाइनिंग मानकर किया जायेगा। लिहाजा सहायक शिक्षक फेडरेशने इस फैसले का विरोध किया है।

सहायक शिक्षक फेडरेशन  प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जो संशोधित आदेश जारी किया गया है, वो स्वीकार योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि है कि..

ये बड़ा अजीबोगरीब निर्देश है, मतलब हम 6 साल पहले 2012 से राशि की कटौती करायें और हमें राशि का लाभ 2018 से मिले, ये कैसे स्वीकार होगा? हम अपनी बातों को सरकार के पास रखेंगे। सरकार जिस तिथि से हमें शासकीय कर्मचारी मानकर पुरानी पेंशन का लाभ देने की बात कह रही है, हमारी राशि की कटौती भी उसी वक्त से होनी चाहिये, शपथ पत्र का विकल्प कर्मचारियों और शिक्षकों को उलझाने के लिए हैं।अगर कोई योजना किसी योजना के विकल्प के रूप में लाई जाती है तो उसका लाभ भी उसी तिथि से मिलना चाहिए जिस तिथि से पुरानी योजना लागू थी

मनीष मिश्रा, अध्यक्ष, सहायक शिक्षक फेडरेशन

सहायक शिक्षक फेडरेशन के बसंत कौशिक, कौशल अवस्थी, सीडी भट्ट, सिराज बक्स ,सुरजीत चौहान रंजीत बनर्जी आदित्य गौरव साहू पुरुषोत्तम घाङी कृष्णा वर्मा टिकेश्वर भोई  ईस्वर चन्द्राकर,छोटे लाल साहू ,अश्वनी कुर्रे ,संकीर्तनंद ,राजकुमार यादव, शेषनाथ पांडे, राजू टंडन ,दिलीप लहरे, खिलेश्वरी शांडिल्य, रिता भगत ,तरुण वैष्णव, देवराज खुटे, राजेश प्रधान ,रामनरेश अजगल्ले अभिजीत तिवारी ,हूलेश चंद्राकर बलराम यादव ,उमा पांडे ,आलोक त्रिवेदी ,राजाराम पटेल ,राजेश्वर लोनिया, निर्मल भट्टाचार्य ,अवनीश पात्र ,केसरी पैकरा , प्रदीप पटेल, छबीलाल पटेल ,नोहर चंद्रा ,उत्तम बघेल, मनभोती भोई ,शैलेश गुप्ता जलज थवाईत,रविंद्र गिरी ,इंद्रजीत शर्मा, मंजू देवांगन ,संजय यादव ,विजेंद्र चौहान ,नीलम वर्मा ,दुर्गा वर्मा, बुधनी अजय,राजेंद्र नवरंग, मिलन साहू ,बीपी मेश्राम, एलन साहू ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जो नया निर्देश जारी हुआ है, उसका विरोध जताया है।

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