रायपुर 27 नवंबर 2022। ईडी की कार्यशैली पर मुख्यमंत्री की कड़ी टिप्पणी के बाद अब बीजेपी और कांग्रेस आमने आसमने आ गयी है। मुख्यमंत्री ने इस मामले में दो टूक कहा था कि अगर डराने-धमकाने का काम ईडी और आईटी जैसी सेंट्रल एजेंसी करेगी तो पुलिस भी विधि सम्मत कार्रवाई करेगी। दरअसल लगातार ये खबरें आ रही है कि ईडी समन के नाम पर बुलाकर पूछताछ के बहाने प्रताड़ित कर रही है। कहीं मारपीट और धमकी दी जा रही है, तो वहीं कहीं मुर्गा बनाने और भूखे रखने की भी शिकायत आ रही है। ऐसी कार्यशैली पर मुख्यमंत्री ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि अधिकारी अपनी आपत्ति केंद्र के पास दर्ज करायें।
इधर,भारतीय जनता पार्टी के रायपुर संभाग प्रभारी व विधायक सौरभ सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ईडी संबंधी बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारियों के वकील बनकर ईडी को न धमकाएं। आखिर क्या वजह है कि वे कानून को अपना काम करने से रोक रहे हैं। भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों और चुनिंदा कारोबारियों के यहां छापे में बेहिसाब संपत्ति और भ्रष्टाचार के प्रमाण मिल रहे हैं तो ईडी की कार्रवाई से भूपेश बघेल को दिक्कत क्यों हो रही है?
भाजपा रायपुर संभाग प्रभारी सौरभ सिंह ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस कम्पनी के मालिकों से पूछताछ के विरोध में रायपुर से लेकर दिल्ली तक ड्रामेबाजी करते हैं। दूसरी तरफ वे चिटफंड और नान मामले की ईडी जांच के लिए अनुरोध करते हैं। चिट्ठी लिखते हैं। तीसरी तरफ वे नान घोटाले के आरोपी अफसरों के बचाव में नामी वकील लगाते हैं। उनकी पुलिस चिटफंड घोटाले की जांच तक नहीं कर पाई और चौथी तरफ वे भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने वाली ईडी को धमकी दे रहे हैं। उन्हें अपने पद की मर्यादा का जरा सा भी ख्याल नहीं है। वे जिस प्रकार से भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के संरक्षक का आचरण दिखा रहे हैं, वह कई संदेहों को जन्म दे रहा है। बेहतर होगा कि भूपेश बघेल कानून को अपना काम करने दें। वैसे छत्तीसगढ़ की जनता समझ रही है कि जब दलालों पर गाज गिरी है तो बौखलाहट सामने आ रही है।