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प्रमोशन स्टे : हाईकोर्ट के प्रमोशन स्टे आर्डर को लेकर याचिकाकर्ता के वकील अजय श्रीवास्तव ने किया स्पष्ट….पढ़िये आर्डर को लेकर क्या कहा उन्होंने …… जहां बैक डेट के निकल रहा आदेश… वहां

रायपुर 12 फरवरी 2022। छत्तीसढ़ के सहायक शिक्षकों के प्रमोशन पर स्टे लग गया है। गुरुवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद सोशल मीडिया में खबरों को लेकर भ्रम फैलाने का सिलसिला शुरू हो गया। कई लोगों ने खबरों को लेकर संशय की स्थिति पैदा करने की कोशिश की, वहीं कतिपय कई नेताओं और वेब पोर्टलों ने स्टे नहीं होने की बात कहकर शिक्षकों को गुमराह करना शुरू कर दिया। इन सब के बीच कई शिक्षों ने NW न्यूज से संपर्क कर स्थिति को स्पष्ट करने का अनुरोध किया। हालांकि NW न्यूज ने पहले ही ये स्पष्ट कर दिया था कि प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर और शिक्षकों के प्रमोशन पर कोर्ट ने रोक लगाने का आदेश दिया है।

सहायक शिक्षकों के अनुरोध पर हमने हाईकोर्ट में शिक्षक नीलम मेश्राम की याचिका की पैरवी करने वाले अजय कुमार श्रीवास्तव से दोबारा संपर्क किया।

NW न्यूज से बात करते हुए अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव ने स्पष्ट कहा कि …

“हाईकोर्ट ने याचिका पर प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर और शिक्षक के प्रमोशन पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। ये शत प्रतिशत सही है। जहां तक आर्डर नहीं अपलोड होने का सवाल है तो ये मामला डबल बेंच में था, क्योंकि सुनवाई वर्चुअल हो रही थी, लिहाजा अपलोड होने में वक्त लग रहाहै। ऐसे भी डबल बेंच के मामले में आदेश अपलोड होने में 2-3 दिनों का वक्त लगता ही है। अगर सामान्य दिन होता तो आज ही अपलोड हो जाता, लेकिन शनिवार और रविवार की छुट्टी की वजह से आदेश अपलोड होने में देरी हुई है, सोमवार की शाम या मंगलवार तक निश्चित रूप से आदेश अपलोड हो जायेगा, लेकिन मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर और शिक्षक दोनों के प्रमोशन पर रोक लग गया है”

आपको बता दें कि कोंडागांव के शिक्षक नीलम मेश्राम ने याचिका दायर कर कहा था कि वरिष्ठता निर्धारण का कोई स्पष्ट नियमावली नहीं होने की वजह शिक्षकों की सिनयरिटी तय करने में एकरूपता कहीं नहीं है। याचिकाकर्ता के वकील ने इसे अनुच्छेद का उल्लंघन बताते हुए कोर्ट में पैरवी की, जिसके बाद 21 फरवरी तक राज्य सरकार से जवाब मांगते हुए प्रमोशण प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश दिया।

ये पूछे जाने पर कुछ जगहों पर प्रमोशन की प्रक्रिया जारी है, तो अजय श्रीवास्तव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि …

“इस मामले में नियमत: प्रमोशन नहीं होना चाहिये, लेकिन वो इस ग्राउंड का हवाला देते हुए कि उन्हें आदेश नहीं मिला या जानकारी नहीं थी कहकर आदेश निकाल रहे हैं। वैसे इस मामले में अधिकारियों को सूचना दी जानी चाहिये थी”

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