शिक्षक/कर्मचारी

नवनियुक्त शिक्षकों के वेतन भत्ते में कटौती पर सर्व शिक्षक संघ ने जेडी से की शिकायत….. संयुक्त संचालक ने जारी किया DEO को ये आदेश…..पढ़े क्या है आदेश ।

रायपुर 2 दिसंबर 2021। प्रदेश में नवनियुक्त शिक्षकों को सही वेतन तक नहीं मिल पा रहा है। आलम यह है कि एक ही पद पर नियुक्त हुए अलग-अलग व्याख्याताओं और शिक्षकों को अलग-अलग वेतन मिल रहा है। और यह हुआ है शासन के उस नए आदेश के तहत जिसमें शिक्षकों को स्टाइपेंड वेतन दिया जा रहा है।  अन्य भत्ते शासकीय कर्मचारियों के समान दिए जाने हैं, लेकिन यह केवल शासन का आदेश है वास्तव में इसका परिपालन निचले स्तर में शिक्षा विभाग में नहीं हो रहा है और निचले कार्यालयों में बैठे हुए मठाधीश न तो शासन के आदेश को समझना चाहते हैं और न शिक्षकों को लाभ देना ।

पूरे हाल को इस बात से समझा जा सकता है कि सभी व्याख्याताओं का बेसिक वेतन तो एक है किंतु सभी को गृह भाड़ा भत्ता अलग-अलग दिया जा रहा हैॆ। अब यह कमाल केवल शिक्षा विभाग में ही हो सकता है, क्योंकि जब बेसिक वेतन एक है तो फिर गृह भाड़ा भत्ता अलग-अलग कार्यालयों में अलग-अलग कैसे होगा यह समझ से परे है।

इन्हीं सब मामलों को लेकर सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने अलग-अलग जिला और ब्लॉक द्वारा जारी की गई वेतन पर्ची के साथ डीपीआई और जेडी को मामले की लिखित शिकायत की है ।

इसी को संज्ञान में लेकर संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बस्तर हेमंत उपाध्याय ने बस्तर संभाग के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देशित किया है कि राज्य सरकार के नियमों के अनुरूप वेतन का भुगतान करें। दरअसल यदि शासन के नियमों का पालन किया जाए तो केवल मूल वेतन में कटौती की जानी है। बाकी अन्य सभी भत्ते शासकीय कर्मचारियों के समान दिए जाने हैं. लेकिन अधिकांश आहरण संवितरण अधिकारी भत्तों में भी कटौती कर दे रहे हैं और इसे जायज भी ठहरा रहे हैं और इसे ही लेकर शिकायत हुई है ।

 

इस मुद्दे को लेकर जब हमने सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे से बात की तो उन्होंने बताया कि

सामान्य प्रशासन विभाग और वित्त विभाग ने यह स्पष्ट तौर पर उल्लेखित किया है कि नवनियुक्त कर्मचारियों को स्टाइपेंड वेतन के तौर पर केवल उनके मूल वेतन में कटौती कर प्रथम वर्ष में 70% राशि दिया जाना है किंतु भत्तों में किसी प्रकार की कोई कटौती नहीं होनी है और यह शासकीय कर्मचारियों के समान ही देय होगा । इसका पालन अधिकांश कार्यालयों में नहीं किया जा रहा है यही वजह है कि वेतन पर्ची के अवलोकन में साफ नजर आता है कि वेतन में कटौती करके कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है इस बात की हमने लिखित शिकायत की है और उसे संयुक्त संचालक महोदय ने संज्ञान में लिया है इस से बस्तर संभाग में समस्या सुलझ जाएगी ऐसी हमें उम्मीद है, साथ ही राज्य कार्यालय से भी इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी हो जाए हम इसके प्रयास में हैं।

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