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हरियर छत्तीसगढ़ : अब प्रदेश में हरियाली होगी बेशुमार, पौधा तुंहर द्वार योजना से फोन कॉल व व्हाट्सएप से घर बैठे लोगों को मिल रहा पौधा, नदी तटों पर भी जमकर हो रहा है वृक्षारोपण

रायपुर, 28 जुलाई 2023। हरिहर छत्तीसगढ़ का सपना काफी हद तक अब सच होता दिख रहा है। वो दौर गुजर गया, जब सिर्फ कागजों पर पेड़ लगते थे और फिर कुछ दिनों बाद ही उसका नामों निशान मिट जाया करता था। भूपेश सरकार में पेड़ लगते भी है और जमीन पर दिखते भी है। फिर चाहे बात ‘पौधा तुहर द्वार‘ योजना की हो या फिर वृक्ष संपदा व वृक्षमाला नदी तट संरक्षण अभियान की। ये अभियान व योजना भले ही अलग-अलग दिखते हों, लेकिन इसके पीछे का मकसद सिर्फ और सिर्फ प्रदेश को हरा-भरा और प्रर्यावरण से प्रेरित बनाना है। जून-जुलाई महीने में प्रदेश में शुरू हुए ‘पौधा तुंहर द्वार‘ योजना भूपेश सरकार की अनूठी योजना रही। जिसके तहत फोन व व्हाट्सएप मैसेज के जरिये पौधे को घर में ही मंगाया जा सकता था। 

छत्तीसगढ़ में स्वच्छ वातावरण तथा वृक्षारोपण के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा ‘पौधा तुहर द्वार‘ की योजना राज्यभर में संचालित हो रही है। लोग अपने पसंद का पौधा खुद ही फोन कर वन विभाग से मंगा रहे हैं और विभाग की तरफ से उन्हें ये सुविधा मुफ्त में उपलब्ध करायी जा रही है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने विविध प्रजातियों के पौधों से भरे दो हरियाली प्रसार वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। वन विभाग की तरफ से विशेष पहल करते हुए ‘‘पौधा तुहर द्वार‘‘ योजना के तहत रायपुर नगर निगम अंतर्गत घर तक निःशुल्क पौधा पहुंचाकर दिया जाएगा। 

‘पौधा तुहर द्वार‘ योजना लगभग डेढ़ माह तक चलेगी, जिसमें आंवला, करंज, नीम, गुलमोहर, जामुन, मुनगा, कचनार, अमरूद, सीताफल, पेल्टाफार्म, नींबू, बादाम आदि प्रजाति के पौधों को आम जनों को मांग अनुसार उपलब्ध पौधों को घर दुकान आफिस फैक्ट्री आदि में उपयुक्त स्थल पर पहुंचाकर वृक्षारोपण करने हेतु निःशुल्क पौधा दिया जायेगा और लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया जायेगा। इस योजना का लाभ लेने हेतु आम जनों को वन विभाग के कार्यालय तक आने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी क्योंकि वन विभाग से पौधे प्राप्त करने हेतु आम जन वन विभाग द्वारा ‘पौधा तुहर द्वार‘ योजना हेतु सचालित व्हाटसएप नम्बर 7587017614 पर सम्पर्क कर सकते है। संपर्क करने पर विभाग द्वारा 2-3 दिवस के भीतर संबंधित को पौधा प्रदाय कर दिया जायेगा। इस योजना के तहत एक व्यक्ति एक बार में ज्यादा से ज्यादा 5 पौधें मांग कर सकते है।

पिछले साल में में ‘पौधा तुहर द्वार‘ योजना के तहत 92 स्थलों में 2164 हितग्राहियों को 10207 पौधे जाम आंवला, नींबू, सीताफल, कटहल, बेल, जामुन, नीम, कचनार, गुलमोहर एवं मुनगा आदि पौधों का वितरण किया गया था एवं मनरेगा योजना अंतर्गत शासकीय/अर्ध शासकीय, नगर निगम, शिक्षण संस्थाओं एवं अन्य हितग्राहियों को 571974 पौधों का भी निःशुल्क वितरण किया गया था। मनरेगा योजना अंतर्गत इस वर्ष 29 भी शासकीय/अर्थ शासकीय, शिक्षण संस्था अन्य हितग्राहियों को कुल 135965 पौधों मांग अनुसार निःशुल्क वितरण किया गया है। इस योज तहत वन विभाग द्वारा रायपुर नगर निगम क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु आम जनों को पौधा उपलब्ध कराकर वृक्षारोपण हेतु प्रोत्साहित करना है।

सकरी नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम 

कवर्धा जिले के सकरी नदी को संरक्षित करने तथा नदी का बहाव अपने पूर्ण क्षमता पर लाने के उद्देश्य से वृक्षारोपण के माध्यम से सकरी नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम की शुरूआत भी वन विभाग ने की है। जिसके तहत वन एवं राजस्व भूमि में नदी तट वृक्षारोपण कार्य, निजी भूमि में मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना के अंतर्गत वृक्षारोपण, वन क्षेत्रों में नरवा योजना के अंतर्गत कैम्पा मद से जल एवं मृदा संरक्षण कार्य तथा राजस्व क्षेत्र में मनरेगा अंतर्गत रोपण एवं संरचानाओं का निर्माण किया जाएगा। इस एकीकृत परियोजना से कर्वधा जिले में किसानों को घरेलू उपयोग तथा कृषि के लिए सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध होगी। 

वृक्षमाला नदीतट संरक्षण अभियान

छत्तीसगढ़ को हराभरा बनाने के लिए वन विभाग की तरफ से वृक्षमाला नदीतट संरक्षण अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत नदी किनारे पौधारोपण किया जा रहा है। जांजगीर में इस अभियान के तहत वृहत पैमाने पर पेड़ लगाये गये। अभियान के तहत आंवला, आम, करंज, अर्जुन, नीम, हल्दू के पौधों को नदी किनारे रोपा गया। वृक्षमाला नदीतट संरक्षण अभियान के तहत जांजगीर में हसदेव नदी, सोन नदी, लीलागर नदी, महानदी, बोराई नदी एवं मांड नदी किनारे वृक्षारोपण करने को लेकर चिन्हांकन किया गया है। जांजगीर चांपा में बलौदा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत देवरी से बहने वाली हसदेव नदी किनारे वृक्षारोपण किया गया है। इसी तरह बम्हनीडीह जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत खपरीडीह से हसदेव नदी किनारे, ग्राम पंचायत पोडीशंकर सोन नदी, जनपद पंचायत नवागढ़ की ग्राम पंचायत नवापारा एवं पीथमपुर में हसदेव नदी किनारे पौधे रोपे गये हैं। वहीं जनपद पंचायत पामगढ की ग्राम पंचायत ससहा से निकलने वाली लीलागर नदी एवं ग्राम पंचायत देवरी से निकलने वाली महानदी के किनारे पौधे रोपने का काम चल रहा है। इस अभियान से दो फायदे हो रहे हैं। एक ओर नदी तट किनारे पौधरोपण होने से हरियाली छाएगी साथ ही किसानों की मिट्टी का कटाव नहीं होगा तो दूसरी ओर महात्मा गांधी नरेगा के जॉब कार्डधारी परिवारों को रोजगार मिल रहा है।

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