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तकनीकी त्यागपत्र वाले शिक्षकों को नहीं मिलेगी राहत….. DPI ने संयुक्त संचालकों को भेजा निर्देश… पढ़िये

रायपुर 11 फरवरी 2022। तकनीकी त्यागपत्र देकर निम्न से उच्च वर्ग शिक्षक बनने वालों को फिलहाल राहत नहीं मिलेगी। DPI ने दो टूक कह दिया है कि जब तक राज्य सरकार इस बाबत कोई स्पष्ट निर्देश नहीं देती, तब तक स्टाइपेंड का ही निर्देश लागू रहेगा। दरअसल शासन का नियम है कि तकनीकी त्यागपत्र देकर कोई भी निम्न वर्ग में कार्यरत कर्मचारी या शिक्षक उच्च पदों में नियमानुसार परीक्षा पास कर जा सकता है।

कई शिक्षक जो पहले सहायक शिक्षक थे उन्होंने परीक्षा पास की और शिक्षक बन गये, कुछ शिक्षक सीधे व्याख्यता बन गये और कुछ शिक्षक से व्याख्याता बन गये। इसी बीच राज्य सरकार ने नव नियुक्त कर्मचारियों के लिए नया निर्देश लागू कर दिया कि पहले तीन साल तक उन्हें प्रोबेशन पर रहना होगा। इसके तहत पहले साल 70 प्रतिशत, फिर 80 प्रतिशत और उसके बाद 90 प्रतिशत वेतन स्टाइपेंड के तौर पर मिलेगा।

इसी आदेश का हवाला देकर निम्न से उच्च पद पर आये शिक्षकों को अब भी स्टाइपेंड की ही राशि मिल रही है, जबकि ऐसा कोई नियम निम्न से उच्च वर्ग पर आये शिक्षकों के लिए लागू नहीं होना था। राज्य सरकार के  वित्त निर्देश 41/2018 के मुताबिक तकनीकी त्यागपत्र के मुताबिक शिक्षकों को उनका पूरा वेतन/न्यूनतम वेतन दिया जाना था,लेकिन शासन द्वारा बीच मे वित्त निर्देश 20/21 नई भर्ती में स्टाइपेंड नियम लाया गया,जिससे पूर्व कर्मचारियों का वेतन पुराने पद के वेतन से लगभग दस हजार कम हो गया।

इस मामले को लेकर प्रभावित शिक्षकों ने कई जगहों पर अपनी शिकायत दर्ज करायी थी, जिसके बाद संयुक्त संचालक स्तर पर DPI से मार्गदर्शन मांगा गया था। संयुक्त संचालक के मार्गदर्शन पर निर्देश देते हुए DPI ने कहा है कि इस मामले में जब तक राज्य सरकार की तरफ से कोई निर्देश नहीं आता है, तब तक स्टाइपेंड के रूप में ही भुगतान तकनीकी त्यागपत्र वाले शिक्षकों को होगा।

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