हेडलाइन

सरोज पांडेय के पत्र पर मुख्यमंत्री बोले, “इसमें अपमान वाली बात कहां से आ गयी”….राखी के साथ दो पन्ने के पत्र में सरोज पांडेय ने मुख्यमंत्री को लिखी थी ये बात…

रायपुर 30 अगस्त 2023। रक्षाबंधन पर सरोज पांडेय के एक पत्र पर सियासी बखेड़ा हो गया है। रक्षाबंधन पर राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राखी के साथ एक पत्र भी लिखा है। पत्र में सरोज पांडेय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दो दिन पहले दिये उस बयान का जिक्र कर खुद को आहत होने की बात लिखी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरोज पांडेय के एक बयान पर पलटवार करते हुए उन पर अविवाहित होने को लेकर तंज कस दिया था। दरअसल दीपक बैज ने कहा था कि भाजपा 21 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है, पार्टी अभी उसपर ही माथा पच्ची कर रही है।

बैज के इसी बयान पर पलटवार करते हुए सांसद सरोज पांडेय ने कहा था कि बीजेपी की माथापच्ची को पीसीसी चीफ न देखें। सांसद ने कहा दीपक बैज को अभी बोलना नहीं आता, वे बच्चे हैं, उन्हें बोलना सीखना चाहिए। दो दिन पहले जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग के दौरे पर थे, तो मीडिया ने उनसे सरोज पांडेय के बयान पर प्रतिक्रिया पूछ ली। जिसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा-

सीएम बघेल ने मीडिया के तरफ से पूछे गये सवाल के जवाब में कहा था कि दीपक बैज 2 बार के विधायक, 1 बार के सांसद है और शादीशुदा बाल बच्चे वाले है, सरोज पांडेय की शादी भी नही हुई है अब बच्चा कौन है..

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( दो दिन पहले का बयान)

अपने दो पन्ने के पत्र में सरोज पांडेय ने मुख्यमंत्री के उसी बयान को लेकर घेरा है। मार्मिक पत्र लिखकर सरोज पांडेय ने मुख्यमंत्री के उस बयान को एक बहन का उपहास बताया है। मुख्यमंत्री ने सरोज पांडेय के उस पत्र को लेकर प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि …

सरोज पांडे ने हमारे प्रदेश अध्यक्ष को बच्चा कहा था, हमारे अध्यक्ष आदिवासी है उनका मजाक उड़ा रही थी, मैंने कहा था दीपक बैज शादीशुदा है और सरोज पांडे की शादी नहीं हुई है, इसमें अपमान वाली कहां की बात है

भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छग

सरोज पांडेय ने लिखा है दो पन्ने का पत्र

प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी भूपेश बघेल जी आपको रक्षासूत्र एवं मिठाई भेज रही हूं, पर इस बार कुछ व्यथित मन से, लगा मानो कि आपने न सिर्फ छत्तीसगढ़ की बल्कि इस देश की ही संस्कृति व संस्कारों को विस्मृत कर दिया, आपने यह भुला दिया कि इस देश में बहन सिर्फ बहन नहीं होती…तथापि भाइयों के प्रति उनका मातृ भाव भी होता है,इस बात से उसे फर्क नही पड़ता कि भाई से छोटी है या बड़ी है अथवा कि वह विवाहित है अविवाहित है अथवा संतान है या नही है। उसके स्नेह व कर्तव्यों का विस्तार कभी कम नही होता।मुझे विश्वास है कि आप इस नजरिए को महसूस करेंगे तो अपने वक्तव्य के अश्रेष्ठता को समझ पाएंगे। आपके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु होने की कामना प्रभु श्रीराम से करती हूं।

Back to top button