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NW स्पेशल: वरदान से कम नहीं CM भूपेश की बिजली बिल हाफ योजना… 4 साल में 3151 करोड़ का राज्य सरकार दे चुकी है लोगों को बिजली बिल में छूट …

रायपुर 11 नवंबर 2022। रायपुर के शैलेंद्र नगर में बापी सेन एक सैलून चलाते हैं। बापी को पहले 1400-1600 रुपये बिजली बिल आता था, अब वो घटकर 700-800 हो गया है। बापी कहते हैं कि जब 2019 में पहली बार बिजली बिजल इतना कम आया था तो उसे सुधार कराने बिजली आफिस चले गये थे, जहां उन्हें बताया मुख्यमंत्री बिजली बिल हाफ योजना का उन्हें लाभ मिला है। तब से लेकर आज तक उन्हें लगभग इतना ही बिल आता है। बापी बोलते हैं गरमी में भी उन्हें बमुश्किल 1200-1300 बिजली बिल देना पड़ा। मुख्यमंत्री को धन्यबाद देते हुए बापी बताते हैं कि इस योजना से उन्हें काफी राहत मिली है। बापी के सैलून के बगल में किशोर साहू की किताब की दुकान हैं, किशोर कहते हैं कि उनका भी बिजली बिल 400-500 से ज्यादा नहीं आता, पहले ये बिल 1000 रूपये तक आता था। राहूल चंद्राकर की टैगोर नगर में सुप्रिया इलेक्ट्रानिक्स नाम की दुकान हैं। राहुल बताते हें मुख्यमंत्री की इस योजना से उनका बिल अब 1000 रूपये के आसपास हो गया है, जबकि पहले ये 1800-2000 हो जाया करता था।

सिर्फ बापी, किशोर और राहुल की ही बात नहीं प्रदेश के 40 लाख लोगों को बिजली बिल हाफ योजना ने बड़ी राहत दी है। आज उस योजना का लाभ लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ करते लोग नहीं थकते। इस योजना का लाभ लेने के लिए यह जरूरी है कि बिजली उपभोक्ताओं का कोई भी बिल लंबित ना हो, उन्होंने अपने पुराने बिजली बिल चुका दिए हों। हाफ बिजली बिल योजना से प्रदेश के 40 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को उनके बिजली बिल में 2145 करोड़ रुपए की बड़ी छूट मिली है। सस्ती बिजली से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के घर का बजट सुधरा है। इस योजना के माध्यम से जहां घरेलू बचत को प्रोत्साहन मिला है, वहीं यह भी सुनिश्चित हुआ है कि लोग अपने बिजली बिल का नियमित भुगतान करें। बिल की राशि जमा नहीं करने वाले योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे।


योजना के क्रियान्वयन के लिए घरों में मीटर रीडिंग कर उपभोक्ताओं को बिजली बिल देने में उपयोग में लाई जा रही स्पॉट बिलिंग मशीन के सॉफ्टवेयर को हाफ बिजली बिल योजना के अनुसार अपडेट किया गया है। मशीन 400 यूनिट तक बिजली की हर खपत के लिए स्वचालित रूप से 50 प्रतिशत छूट के साथ बिजली बिल जनरेट करती है। राज्य सरकार द्वारा हाफ बिजली बिल योजना के अलावा एकल बत्ती कनेक्शन योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को हर माह 30 यूनिट बिजली निःशुल्क दी जा रही है। लगभग 18 लाख बिजली उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है। पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में 2 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता बढ़े हैं।

भूपेश बघेल सरकार की हाफ बिजली बिल योजना प्रदेशवासियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। हर महीने हजारों रूपये बिजली बिल के रूम जमा करने वाले लोगों की जेबों को कितनी राहत मिली है, ये किसी से छुपी नहीं है। आज ये योजना सिर्फ प्रदेश की ही सबसे लोकप्रिय योजना नहीं है, बल्कि कई प्रदेशों ने भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस योजना को अपनाया है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले चार साल में राज्य सरकार ने बिजली बिल के रूप में 3151 करोड़ की छूट लोगों को मिली है।

भूपेश सरकार ने राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए 1 मार्च 2019 से प्रतिमाह खपत की गई 400 यूनिट तक की बिजली पर प्रभावशील विद्युत की दर का आधा बिल का फैसला लिया था। इस फैसले के तहत सितंबर 2022 की स्थिति में इस योजना के अंतर्गत 41.84 लाख घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को लाभ दिया गया। विभाग के दिये आंकड़ों के मुताबिक पिछले 4 वर्षों में योजना के अंतर्गत रु 3151 करोड़ की छूट दी गई है। उक्त योजना लागू होने से प्रदेश के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं का विद्युत देयक आधा हो जाने के कारण निम्न एवं मध्यम वर्ग के उपभोक्ता बचत की राशि से अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम हुए हैं।

मुफ्त बिजली से किसानों को हो रहा बड़ा फायदा

 शासन द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा नहीं रखी गई है। उनके द्वारा खेती में उपयोग की जा रही पूरी बिजली को निःशुल्क रखा गया है। इस योजना के अंतगर्त पात्र कृषकों को 3 अश्वशक्ति तक कृषि पम्प के बिजली बिल में 6000 यूनिट प्रति वर्ष एवं 3 से 5 अश्वशक्ति के कृषि पम्प के बिजली बिल में 7500 यूनिट प्रति वर्ष छूट दी जा रही है। उपरोक्त छूट के अतिरिक्त कृषकों को फ्लेट रेट दर पर बिजली प्राप्त करने का विकल्प भी दिया गया है। फ्लेट रेट विकल्प चुनने वाले किसानों को उनके द्वारा की गई विद्युत खपत की कोई सीमा न रखते हुए, मात्र 100/- प्रतिमाह प्रति अश्वशक्ति की दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा। शासन द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा नहीं रखी गई है। उनके द्वारा खेती में उपयोग की जा रही पूरी बिजली को निःशुल्क रखा गया है। योजना का विस्तार करते हुए अगस्त 2018 से फ्लेट रेट की सुविधा राज्य के समस्त किसानों के सभी सिचाई पम्पों पर बिना पम्प की क्षमता के सीमा के उपलब्ध करायी जा रही है। इसके अन्तर्गत किसानों को 5 अश्व शक्ति तक द्वितीय पम्प के लिए रू. दो सौ रूपये  प्रति अश्व शक्ति प्रतिमाह 5 अश्व शक्ति से अधिक प्रथम एवं द्वितीय पम्प के लिए रू. दो सौ रूपये प्रति अश्व शक्ति प्रतिमाह 5 अश्व शक्ति एवं 5 अश्व शक्ति से अधिक तृतीय एवं अन्य पंप के लिए रू तीन सौ रूपये प्रति अश्व शक्ति प्रतिमाह की दर से बिल भुगतान हेतु सुविधा प्रदान की गई है। विगत 04 वर्षों में योजना के अंतर्गत रू 10,432 करोड की छूट दी गई है।

कृषि पंपों के लिए मिल रही है रियायत

कृषि पंपों के ऊर्जीकरण प्रति पंप एक लाख रू एवं अधिकतम 1.50 लाख तक अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।  विगत 04 वर्षों में 534 करोड़ व्यय कर 64,918 पंपों के लाईन विस्तार कार्य पूर्ण किये गये है।

बी.पी.एल. उपभोक्ताओं को दी जा रही रियायतें

 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को प्रत्येक माह 30 यूनिट तक निःशुल्क विद्युत प्रदाय किया जाता है। इन बीपीएल कनेक्शनधारियों के 30 यूनिट खपत के विद्युत देयक राशि का प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा किया जाता है। विगत 04 वर्षों में योजना के अंतर्गत रू 1,973 करोड़ की छूट दी गई है।

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