बिग ब्रेकिंग

सूचना आयोग आधा ठप, अपीलआर्थी और शिकायतकर्ता हो रहे है परेशान….कई जिलों के प्रकरणों की सुनाई करने से आयुक्तों ने मना कर दिया, बढाई जा रही है तारीखें

रायपुर 19 दिसंबर 2022: छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में आधा कामकाज ढप्प हो गया है। पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत और पूर्व सूचना आयुक्त अशोक कुमार अग्रवाल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिन जिलों के अपीलआर्थी और शिकायतकर्ताओं की सुनवाई वे करते थे, उनकी सुनवाई करने से वर्तमान सूचना आयुक्त मनोज कुमार त्रिवेदी और धनवेंद्र जायसवाल ने मना कर दिया है और उन जिलों की तारीख अब आगे बढाई जा रही है। एमके राउत का कार्यकाल पिछले 11 नवम्बर और अग्रवाल का कार्यकाल 23 नवम्बर को पूरा हो चुका है।

दरअसल एमके राउत और अशोक अग्रवाल का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात सूचना आयोग के सचिव ने कार्य विभाजन का आदेश जारी किया, जिसके तहत एमके राउत जिन जिलों की सुनवाई करते थे उन जिलों की सुनवाई मनोज कुमार त्रिवेदी करेंगे और जिन जिलों की सुनवाई अशोक अग्रवाल करते थे उन जिलों की सुनवाई धनवेंद्र जायसवाल जायसवाल करेंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सूचना आयोग के सचिव द्वारा कार्य विभाजन किए जाने पर जयसवाल ने तो नाराजगी बताई और अशोक अग्रवाल के जिलों की सुनवाई करने से मना कर दिया, अब उन जिलों के प्रकरणों की तारीख प्रतिदिन आगे बढ़ाई जा रही है। इसी प्रकार एमके राउत को आवंटित जिलों की सुनवाई को मनोज कुमार त्रिवेदी ने कुछ दिन तक तो सुनना चालू रखा परंतु इसी बीच एक वकील ने आपत्ति लगा दी कि सचिव सूचना आयोग कार्य विभाजन नहीं कर सकते, यह अधिकार सिर्फ मुख्य सूचना आयुक्त को ही है। इसलिए उस वकील के प्रकरणों की सुनवाई नहीं की जाये। इसके बाद मनोज कुमार त्रिवेदी ने भी एमके राउत के जिलों की सुनवाई करना बंद कर दिया है।

गौरतलब है कि पूर्व में एमके राउत बिलासपुर, जांजगीर चांपा, महासमुंद, गरियाबंद और मुंगेली जिलों की सुनवाई करते थे और अशोक अग्रवाल रायपुर, बस्तर, कांकेर, कोरिया, भाटापारा-बलोदा बाजार, बालोद, बेमेतरा, बलरामपुर-सूरजपुर जिलों की सुनवाई करते थे। अब इन जिलों के अपीलआर्थी और शिकायतकर्ता परेशान हो रहे है।

सचिव ने बदला सूचना आयोग का प्रथम अपील अधिकारी

बताते हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सूचना आयोग में दायर प्रकरणों की प्रथम अपील की सुनवाई वहां के सचिव किया करते थे परंतु नए पदस्थ सचिव ने यह व्यवस्था बदल कर के अपने अधीनस्थ को प्रथम अपील सुनने के लिए आदेशित कर दिया। यह आदेश एमके राउत के कार्यकाल के दौरान ही जारी किया गया। इस पर रायपुर के एक आवेदक ने तत्कालीन मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई परंतु पारिवारिक कारणों से अंतिम कुछ दिनों में सुनवाई नहीं कर पाने के कारण राउत ने इस आपत्ति पर कोई निर्णय नहीं लिया।

Back to top button