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VIDEO- चुनावी साल-कांग्रेस की एकजुटता पर उठने लगे सवाल : दिल्ली में बैठक के बाद भी 90 प्रत्याशियों के नाम पर नहीं लग पायी अंतिम मुहर, तो क्या देरी की ये है बड़ी वजह…!

रायपुर 13 अक्टूबर 2023। छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन की प्रक्रिया आज से शुरू हो गयी है। लेकिन कांग्रेस में अब तक प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम मुहर नही लग सकी है। दिल्ली में गुरूवार को CEC की बैठक के बाद भी 90 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम फाइनल नही हो सके। ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या एकजुटता का राग अलापने वाली कांग्रेस में सब कुछ ठीक चल रहा है ? या फिर एकजुटता के नाम पर टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में खेमेबाजी अब भी हावी है।

गौतरलब है कि छत्तीसगढ़ सहित देश के 5 राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनावी बिगुल बज चुका है। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में होने वाले मतदान में सबसे पहले 7 नवंबर को माओवाद प्रभावित 20 सीटों पर मतदान होना है। लिहाजा छत्तीसगढ़ की 20 सीटों पर आज से प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। चुनावी दंगल में भले ही बीजेपी ने प्रदेश की 85 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करने में बाजी मार ली है। लेकिन बीजेपी में भी टिकटों को लेकर अंतर्कलह खुलकर सामने आने लगे है। कई सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर विरोध प्रदर्शन और कार्यकर्ताओं के बागी तेवर ने बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है।

उधर कांग्रेस में पिछले एक महीने से टिकट वितरण को लेकर सिर्फ और सिर्फ बैठकों का दौर जारी है। प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, डिप्टी सीएम टी.एस.सिंहदेव और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में राजधानी रायपुर में लगातार बैठको का दौर चला। सारी बैठकों के बाद बताया गया कि 90 सीटों पर सिंगल नाम तय कर लिये गये है। इसके बाद गुरूवार को दिल्ली में केंद्रीय चुनावी समिति की बैठक में इस लिस्ट पर अंतिम मुहर लनगी थी। लेकिन दिल्ली में 4 घंटे तक चले मैराथन बैठक में नतीजा कुछ खास नही निकल सका। बैठक से बाहर निकलने के बाद प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने मीडिया से चर्चा में बताया कि ….“90 सीट पर हम नही कर पा रहे थे….उस पर हम फिर से बैठक करेंगे।

पहले चरण की सीटों के कैंडिडेट के नाम एक दो दिन में जारी कर दिये जायेंगे। सैलजा ने साफ किया कि सब कुछ आम सहमति से हो रहा है, कही किसी सीट पर कोई विवाद नही है….सब आपस में ठीक हो रहा है। एक-दो सीट पर थोड़ा और इनपुल लेना है, जिसे लेकर पहले चरण की सीटों की लिस्ट जारी कर दी जायेगी।” प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा के इस बयान में भले ही वो टिकटों पर अंतिम मुहर आम सहमति से होेने का दावा कर रही है, लेकिन कांग्रेस के टिकट घोषणा में हो रही देरी से ऐसा लगता नही है। सियासी जानकारों की माने तो कांग्रेस में टिकट बंटवारे में देरी की वजह सीएम भूपेश और टी.एस.बाबा गुट के लोगों की दावेदारी से जुड़ी है।

दोनों नेता अधिक से अधिक अपने कैंडिडेट को टिकट दिलाने की चाह रख रहे है,ताकि दोबारा सरकार बनी तो अधिक से अधिक विधायक उनके पक्ष में खड़े हो। उधर पार्टी जनता का मूड और कमजोर सिटिंग विधायक और मंत्रियों के टिकट काटने पर भी जोर दे रही है, ताकि नये चेहरे के साथ उन सीटों पर दोबारा जीत दर्ज की जा सके। लेकिन पार्टी के नेता इन सारे मुद्दो को लेकर अब तक एक राय नही हो पा रहे है। यहीं वजह है कि कांग्रेस में अब तक छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों की लिस्ट पर अंतिम मुहर नही लग सकी है। लिहाजा टिकट फाइनल करने को लेकर मंथन और बैठकों का दौर अब भी जारी है। ऐसे में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व छत्तीसगढ़ में भले ही एकजुटता कें साथ चुनाव लड़ने का दावा करती हो, लेकिन टिकट वितरण को लेकर पार्टी में हो रही लेट-लतीफी ने पार्टी की एकजुटता और एकमतता पर जरूर सवाल खड़ा कर दिया है।

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