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सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को लगाई फटकार : लखीमपुर हिंसा केस पर SC की दो टूक, ‘हम सरकार की जांच से संतुष्‍ट नहीं

नई दिल्ली 8 अक्टूबर 2021: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले  पर आज फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हो रही. यूपी सरकार की ओर से केस में हरीश साल्वे पेश हुए.  इस दौरान CJI ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए और पूछा कि हत्या के मामले में आरोपी से अलग व्यवहार क्यों हो रहा है ? ये बेंच की राय है. सुनवाई के दौरान हरीश साल्वे ने कहा, ‘आपने नोटिस जारी किया था.’ इस पर सीजेआई ने कहा, ‘हमने नोटिस जारी नहीं किया था.हमने स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी’ इस पर साल्वे ने कहा कि सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है. CJI ने कहा कि मुख्य आरोपी के खिलाफ बेहद गंभीर मामला है. साल्वे ने कहा कि हमने उसको फिर से नोटिस जारी कर कल 11 बजे पेश होने को कहा है. अगर वो पेश नहीं होता है तो कानून अपना काम करेगा. उन्‍होंने कहा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में कोई बुलेट के चोट नही है, इसलिए आरोपी को नोटिस दिया गया.’लखीमपुर हिंसा केस पर SC की दो टूक, ‘हम यूपी सरकार की जांच से संतुष्‍ट नहीं .राज्‍य सरकार को कदम उठाने होंगे.’ सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही किसाी दूसरी एजेंसी को जांच सौंपने कासंकेत दिया और पूछा-और कौन सी एजेंसी जांच कर सकती है. इस मामले में संभवत: दशहरे की छुट्टियों के बाद सुनवाई होगी.

CJI ने कहा, ‘हम जिम्मेदार सरकार और जिम्मेदार पुलिस देखना चाहते हैं.सभी मामलों के आरोपियों के साथ एक तरह का ही व्यवहार होना चाहिए. अभियुक्त जो भी हो कानून को अपना काम करना चाहिए.मामले की गंभीरता को देखते हुए हम फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं.सीबीआई जांच भी कोई सटीक उपाय नहीं है,आप जानते हैं कि क्‍यों?  इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक निजी चैनल की रिपोर्टिंग पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि ये जिम्मेदार मीडिया को नही करना चाहिए.बोलने की आजादी का फायदा नहीं उठाना चाहिए.कोर्ट ने कहा कि हम मीडिया की स्वतंत्रता का सम्मान करते है लेकिन इस तरह की रिपोर्टिंग नही होनी चाहिए.यूपी सरकार के लिए साल्वे ने सुनवाई के दौरान कहा कि पोस्टमॉर्टम में गोली के घाव नहीं मिले. जिस तरह से कार चलाई गई, आरोप सही लगते हैं.यह संभवत: हत्या मामला है. इस पर जस्टिस हिमा कोहली ने कहा-शायद? साल्वे ने कहा, ‘मैंने शायद इसलिए कहा क्योंकि मैं नहीं चाहता कि आरोपी टॉम से कहे कि मैंने उसके सामने आने से पहले ही अपना मन बना लिया था.सबूत मजबूत है. अगर सबूत सही है तो ये  धारा 302 हत्या का मामला है.’

गौरतलब है कि कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि मामले में अभी तक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं? केस में कुल कितने आरोपी हैं? कोर्ट ने कहा था कि इन सब जानकारियों के साथ शुक्रवार को रिपोर्ट दाखिल करे. दो वकीलों की चिट्ठी पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया था. गुरुवार को मामले की सुनवाई शुरू होने पर चिट्ठी लिखने वाले वकील शिवकुमार त्रिपाठी ने कोर्ट में कहा, “लखीमपुर खीरी घटना में कई किसान मारे गए हैं. ये प्रशासन की लापरवाही से हुआ है. अदालत इस मामले में उचित कार्यवाही करे. मैं उम्मीद करता हूं कि कोर्ट हमारे लेटर को गंभीरता से लेगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ये मानवाधिकार उल्लंघन का मामला है.”मामले की सुनवाई CJI एनवी रमना समेत तीन जजों की खंडपीठ कर रही है. CJI के अलावा जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली भी खंडपीठ में शामिल हैं. इस केस का टाइटल ‘लखीमपुर खीरी में हिंसा के चलते जान का नुकसान’ है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने यूपी सरकार से जवाब मांगा है.

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