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Vivek Dhand BirthDay Special : हर IAS को सबसे पहले बर्थडे विश करने वाले ये अफसर हुए 65 के… उम्र के इस पड़ाव पर भी है कमाल की है फिटनेस, जानिये उनके बारे में कुछ रोचक बातें..

रायपुर 25 मार्च 2023। छत्तीसगढ़ के कद्दावर ब्यूरोक्रेट विवेक ढांड आज 65 साल के हो गये। 1981 बैच के IAS रहे ढांड के नाम सूबे के सबसे लंबे समय तक प्रशासनिक मुखिया रहने का रिकॉर्ड है। 2018 में अपनी मुख्य धारा की प्रशासनिक पारी से रिटायरमेंट लेने वाले विवेक ढांड , आज भी उतने ही चुस्त-दुरुस्त हैं, जितने की वो 2018 के पहले थे। प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बेहद लोकप्रिय ढांड , जब आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं, तो उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देने की होड़ लगी है। जन्मदिन मनाने और विश करने को लेकर उनकी एक बेहद ही प्यारी आदत है, जिसे उन्होंने वर्षों से संभाल रखा है। वो IAS के ग्रुप में सबसे हर किसी के जन्मदिन को सबसे पहले विश करते हैं। कई ब्यूरोक्रेट तो कहते हैं, कि ढांड सर के मैसेज से ही पता चलता है कि आज किनका जन्मदिन है।

विवेक ढांड के नाम कई रिकॉर्ड

2014 में रमन कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक मुखिया की कमान संभालने वाले विवेक ढांड करीब पौने चार साल तक चीफ सिकरेट्री रहे। ढांड के नाम पर सबसे लंबे समय तक चीफ सिकरेट्री रहने का रिकार्ड है। यही नहीं कीर्तिमान के नजरिये से विवेक ढांड के नाम और भी उपलब्धियां दर्ज हैं। 2018 में उन्होंने VRS अप्लाई किया और फिर रेरा के वो पहले चेयरमैन बने। रेरा चेयरमैन से रिटायरमेंट के बाद अब उन्हें नवाचार आयोग का पहला चेयरमैन बनाया गया है। इससे पहले की बात करें तो छत्तीसगढ़ के वो पहले IAS थे, जो माटीपुत्र से प्रशासनिक मुखिया के पद तक पहुंचे। 2014 में पहली बार ऐसा हुआ, जब मुख्य सचिव के पद पर रायपुर के ही किसी छात्र की ताजपोशी हुई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रहे हैं शिक्षक

विवेक ढांड की छवि अनुशासित अफसर की रही है। श्री ढांड ने रायपुर स्थित साइंस कॉलेज से पढ़ाई की है। गणित विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए साइंस कॉलेज में अध्यापन कार्य भी किया। जिस वक्त ढांड साइंस कॉलेज में पढ़ाते थे, उस वक्त मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वहां के स्टूडेंट थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब अपने कॉलेजे के दिनों को याद करते हैं, तो अपने शिक्षक रहे विवेक ढांड का भी जिक्र जरूर करते हैं। वर्ष 1979 से 1980 तक शासकीय विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर में सहायक प्राध्यापक (गणित) के रूप में रहे। साल 1981 में पहले ही प्रयास में ही उनका सेलेक्शन IAS में हो गया। गणित और रसायन शास्त्र विषय के साथ IAS में पूरे देश में उन्हें 14वां स्थान मिला था। अविभाजित मध्यप्रदेश में अपने बैच में उस वक्त वो सबसे युवा थे। श्री ढांड को अविभाजित सरगुजा जिला में बतौर कलेक्टर वर्ष 1986-87 में पहली पोस्टिंग मिली।

65 की उम्र में भी कमाल की फिटनेस

65 साल की उम्र में भी विवेक ढांड में कमाल की फिटनेस हैं। उनकी नियमित दिनचर्या और फिटनेस रूटिन आज भी मेंटन है। वो आज भी नियमित रूप से सुबह 5-6 बजे उठ जाते हैं। पिछले दिनों ही उनका एक कार्यक्रम में डांस वीडियो जब सामने आया, तो उनकी फिटनेस देख लोगों ने दांतों तले अंगुली दबा ली। आज भी वो हर दिन जिम जाते हैं। विवेक ढांड को आज भी किताब पढ़ने का उन्हें खूब शौक है। फुर्सत मिलते ही वो किताबों की दुनिया में खो जाते हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होने के बाद अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान भी श्री ढांड कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। दुर्ग कलेक्टर के रूप में उनके कार्यकाल को आज भी याद किया जाता है। तब संपूर्ण साक्षरता कार्यक्रम के क्रियान्वयन में दुर्ग की पूरे देश में पहचान बनी थी। दुर्ग के अलावा वे सरगुजा, उज्जैन व जबलपुर जिले में कलेक्टर और बस्तर संभाग के कमिश्नर भी रहे हैं।

बाबरी विध्वंस के वक्त थे जबलपुर कलेक्टर

साल 1992 से 1994 तक ढांड अविभाजित जबलपुर के कलेक्टर थे। 6 दिसम्बर, 1992 को राम-जन्मभूमि बाबरी-मस्जिद की घटना के बाद जब पूरा देश सांप्रदायिकता की आग में था, तो उन्होंने अपनी प्रशानिक दक्षता को पेश करते हुए बहुत की सतर्कता से जबलपुर में शांति स्थापित की, यहां कोई भी हिंसा नहीं भड़कने दी। 2003 से 2009 तक वो तात्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के सचिव/ प्रमुख सचिव तथा सचिव/ प्रमुख सचिव, जनसंपर्क, विमानन, ऊर्जा एवं जल संसाधन विभाग के साथ-साथ कई अहम जिम्मेदारी संभाली।

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