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DSP को बनाया SI: राज्य सरकार का सख्त फैसला… डीएसपी को डिमोशन कर बनाया SI…..जानें क्या है पूरा मामला….

उत्तर प्रदेश 02 नवंबर 2022: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी अपनाई है। सीएम योगी ने रिश्वत लेने वाले एक अफसर को सब इंस्पेक्टर (SI) बनाने का निर्देश दिया है। सीएम योगी ने रामपुर नगर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी डीएसपी विद्या किशोर शर्मा को रिश्वत लेने के आरोप में मूल पद पर प्रत्यावर्तित करने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए रिश्वत लेने के आरोपी पुलिस अधिकारी को डिमोट करते हुए सिपाही बना दिया। गृह विभाग की तरफ से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी गई है। दरअसल, रामपुर सदर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी/उपाधीक्षक विद्या किशोर शर्मा को रिश्वत लेने के आरोप में उनके मूल पद पर प्रत्यावर्तित कर दिया गया है।

सीओ विद्या किशोर शर्मा पर रामपुर में तैनाती के दौरान रिश्वत लेने का आरोप लगा था। जांच के बाद आरोप सही पाए जाने पर एक्शन लिया गया है। उन्हें उनके मूल पद पर प्रत्यावर्तित कर दिया गया है। विद्या किशोर शर्मा की नियुक्ति यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर हुई थी, प्रमोशन पाकर वे डिप्टी एसपी के पद पर तैनात हुए थे।

जानें क्या है पूरा मामला
2021 में रामपुर में तैनाती के दौरान सीओ विद्या किशोर शर्मा पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे। एक महिला ने आरोप लगाया था कि स्वामी विवेकानंद अस्पताल के संचालक विनोद यादव और तत्कालीन इंस्पेक्टर रामवीर यादव ने उसके साथ गैंगरेप किया। इसमें पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस मामले में पांच लाख की घूस लेते हुए सीओ विद्या किशोर का एक वीडियो अफसरों के संज्ञान में आया। सीएम के आदेश पर शासन ने इसकी जांच करायी। एएसपी मुरादाबाद की जांच में सीओ पर भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए। इस मामले में सीएम कार्यालय ने ट्वीट कर अवगत कराया था कि संबंधित सीओ को निलंबित कर दिया गया।

इसके बाद आरोपी इंस्पेक्टर रामवीर यादव और अस्पताल संचालक विनोद यादव पर एफआईआर दर्ज कर ली गई और तत्कालीन सीओ को सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर शासन ने इसकी जांच एएसपी मुरादाबाद से करवाई। जांच में सीओ पर भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए। इसके बाद सीएम योगी ने कड़ा एक्शन लेते हुए डिप्टी एसपी को फिर से सिपाही बनाने का निर्देश दिया है।

बीते साल रामपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा के दौरान एक महिला ने आत्मदाह की चेतावनी दी थी। उसका आरोप था कि स्वामी विवेकानंद अस्पताल के संचालक विनोद यादव और तत्कालीन इंस्पेक्टर गंज रामवीर यादव ने उसके साथ गैंगरेप किया। इसमें पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसी मामले में पांच लाख की घूस लेते हुए सीओ सिटी रहे विद्या किशोर का एक वीडियो वायरल हुआ था।

यही नहीं विद्या किशोर शर्मा पर गोकशी करने वालों को छोड़ने के लिए इंस्पेक्टर पर दबाव डालने का भी आरोप लगा था। जब इंस्पेक्टर ने नहीं छोड़ा तो फोन पर धमकाया था। इस पर इंस्पेक्टर ने आईजी मुरादाबाद के सामने पेश होकर फोन रिकार्डिंग सुनवायी थी, जिसकी जांच आईजी मुरादाबाद ने की थी। उसमें भी यह दोषी पाए गए थे।

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