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केंद्र का बड़ा कदम! नकली दवा बनाने वाली कंपनियों पर एक्शन,18 के लाइसेंस रद्द, 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी…

नई दिल्ली 28 मार्च 2023: केंद्र सराकार ने नकली दवा बनाने वाली कंपनियों पर शिकंजा कस दिया है। घटिया दवाओं के निर्माण के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में केंद्रीय और राज्य नियामकों ने 76 फार्मा कंपनियों का संयुक्त निरीक्षण किया। नकली और मिलावटी दवाओं के उत्पादन के लिए उनमें से 18 के लाइसेंस रद्द कर दिए।

घटिया व नकली दवा निर्माताओं के खिलाफ सरकार की सख्ती बढ़ती जा रही है और इस पर लगाम के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई के तहत पिछले 15 दिनों में 18 दवा निर्माता कंपनियों के लाइसेंस रद कर दिए गए और 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ये कंपनियां घटिया दवा का निर्माण में लिप्त पाई गई। देश के 20 राज्यों में यह कार्रवाई की गई।

सूत्रों के मुताबिक दवा निर्माता कंपनियों के निरीक्षण का काम जारी है। मंत्रालय के मुताबिक ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया ने पिछले 15 दिनों 76 दवा निर्माता कंपनियों का निरीक्षण किया। मंत्रालय के मुताबिक इन कंपनियों के खिलाफ खबरों के आधार पर केंद्र व राज्य सरकार की संयुक्त टीम ने औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य नकली व मिलावटी दवा के उत्पादन को रोकने के साथ गुड मैन्यूफैक्चरिंग प्रैक्टिस के पालन को सुनिश्चित करना था।

मंत्रालय के मुताबिक औचक निरीक्षण के लिए 203 फार्मा कंपनियों की पहचान की गई और कार्रवाई के पहले चरण में 76 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया गया। 18 कंपनियों के लाइसेंस को रद करने के साथ तीन कंपनियों के प्रोडक्ट मंजूरी को भी रद कर दिया गया। जिन 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उन्हें निर्धारित समय में जवाब देने के लिए कहा गया है। संतोषप्रद जवाब नहीं होने पर इन कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

मंत्रालय का कहना है कि दवा की गुणवत्ता को कायम रखने के लिए औचक निरीक्षण की यह कार्रवाई चलती रहेगी। हाल ही में उजेबकिस्तान में भारत में निर्मित खांसी की दवा पीने से बच्चों की मौत की खबर आई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कुछ माह पहले नोएड स्थित कंपनी में बनी दवा पर सवाल उठाए थे। मंत्रालय के मुताबिक दिल्ली, बिहार, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र व तेलंगाना समेत 20 राज्यों में दवा निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई।

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