पॉलिटिकल

CG: DMF पर बवाल- DMF की बैठक को लेकर राजस्व मंत्री की शिकायत को कांग्रेस विधायको ने बताया दुर्भावना से ग्रस्त, उधर पूर्व गृहमंत्री ने राजस्व मंत्री पर लगाये गंभीर आरोप….

कोरबा 8 मई 2022 । कोरबा जिला में DMF यानि जिला खनिज न्यास मद को लेेकर बवाल मचा हुआ हैं। सोमवार 9 मई को होने वाले DMF की बैठक को निरस्त करने को लेकर जहां राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने DMF के सचिव को पत्र लिखा हैं, वही खनन प्रभातिव क्षेत्र के कांग्रेस विधायको ने भी सचिव को पत्र लिखकर राजस्व मंत्री की शिकायत को व्यक्तिगत दुर्भावना से ग्रस्त बताते हुए शिकायत को निराधार बता दिया हैं। इस पूरे मामले को लेकर राजस्व मंत्री और उन्ही के पार्टी के 2 विधायक जहां आमने सामने हो गये हैं, वही दूसरी तरफ पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने राजस्व मंत्री पर पलटवार करते हुए एक बार फिर सवाल खड़े कर दिये हैं।

गौरतलब है कि औद्योगिक नगरी कोरबा जिला एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है। चर्चा DMF में राजनीतिक रॉर को लेकर हैं। जीं हां खदानों से प्रभावित क्षेत्र और जिला के विकास के लिए जिला प्रशासन हर बार डीएमएफ मद से विकास की रूप रेखा तैयार करता हैं, लेकिन जिला प्रशासन की इस विकास की योजना पर सहमति की मुहर लगने से पहले ही प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सवाल उठाते हुए 9 मई को होने वाली शासी परिषद की बैठक को निरस्त करने की मांग कर दी हैं। राजस्व मंत्री ने डीएमएफ के सचिव सिद्धार्थ कोमल प्रदेशी को 6 मई को पत्र लिखकर कोरबा जिला में आयोजित होने वाले डीएमएफ की बैठक का निरस्त करने की मांग की गयी है।

राजस्व मंत्री ने अपनी शिकायत में डीएमएफ के कार्यो में मनमानी और निजी कंपनी की तरह संचालन करने का गंभीर आरोप लगाया गया हैं। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का ये पत्र सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद जहां बीजेेपी ने इस मामले को राजनीतिक मुददा बना दिया हैं। वही खनन प्रभावित क्षेत्र कटघोरा और पाली के दोनों कांग्रेस विधायको का भी पत्र सामने आया हैं, जिसमें उन्होने राजस्व मंत्री के आरोपो को व्यक्तिगत दुर्भावना से ग्रस्त बताते हुए इस शिकायत को निराधार बता दिया है। हम आपको बता दे कि 6 मई को राजस्व मंत्री ने डीएमएफ सचिव को पत्र लिखकर बैठक निरस्त करने की मांग की थी। इस पत्र के सामने आने के ठीक दूसरे दिन 7 मई को कटघोरा विधायक पुरषोत्तम कंवर और तानाखार विधायक मोहितराम केरकेटटा ने डीएमएफ सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी को पत्र लिखकर राजस्व मंत्री के आरोपों पर ही सवाल खड़ा कर दिया हैं।

कटघोरा और तानाखार के कांग्रेस विधायको के इस पत्र के सामने आने के बाद जहां राजस्व मंत्री और पार्टी के दोनों विधायक आमने-सामने हो गये है। वही दूसरी तरफ बीजेपी के वरिष्ठ आदिवासी नेता और रामपुर विधायक ननकीरा कंवर ने राजस्व मंत्री पर इस पूरे मुददे को लेकर पलटवार किया है। ननकीराम कंवर ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की शिकायत पर सवाल उठाते हुए कहा कि डीएमएफ की बैठक में सभी जनप्रतिनिधि उपस्थिति होते है, और सभी की अनुशंसा से ही प्रस्ताव पारित होते है। ननकीराम कंवर ने उल्टे राजस्व विभाग में चल रहे मनमानी और जमीन की बंदरबाट सहित एनएच के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए प्रतिबंध के बाद भी टुकड़ो में जमीन खरीदी के मुददे को उठाते हुए राजस्व मंत्री पर ही सवाल खड़े कर दिये है।

ननकीराम कंवर ने अपने बयान मेें यहां तक कह दिया कि राजस्व मंत्री के भ्रष्टाचार की जानकारी अधिकारियों को है, इस भ्रष्टाचार पर कार्रवाई ना हो इसलिए मंत्री जी जिला प्रशासन पर आरोप लगाकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है।खैर ऐसा पहली बार नही हैं जब राजस्व मंत्री ने डीएमएफ को लेकर शिकवा शिकायत की हो, ये सिलसिला तात्कालीन कलेक्टर पी.दयानंद के कार्यकाल से होते हुए कलेक्टर किरण कौशल के कार्यकाल में भी चला। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने उस वक्त भी डीएमएफ और उनके कार्यो पर गंभीर आरोप और सवालिया निशान लगाये, लेकिन कोई ठोस नतीजा आज तक सामने नही आ सका हैं।

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