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चांद पर गिरने वाला है चीनी रॉकेट का मलबा…. क्या होगा? इस वजह से ISRO और NASA की टिकी नजर….

नई दिल्ली 15 फरवरी 2022।अगले महीने चांद की सतह से एक पुराने रॉकेट का मलबा टकराने वाला है। इसकी वजह से चंद्रमा की सतह पर विशाल गड्ढा बन सकता है। पहले जिस रॉकेट की पहचान की गई थी, वह स्पेसएक्स का फाल्कन-9 रॉकेट बताया गया था। लेकिन, अब वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि कर दी है कि दरअसल यह चाइनीज रॉकेट का ही मलबा है, जो 4 मार्च को चंद्रमा की सतह से टकराने जा रहा है। वर्षों से उस मलबे को लेकर वैज्ञानिक असमंजस में थे। शायद चीन को इसका अंदाजा रहा भी हो, लेकिन ये बात अब जाकर दुनिया के सामने आई है।

चीनी मिशन का मलबा चंद्रमा पर गिरेगा

खगोल वैज्ञानिक बिल ग्रे ने एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि जिस रॉकेट का मलबा चांद से टकराने वाला है, वह दरअसल, स्पेसएक्स फाल्कन-9 का ना होकर वास्तव में चीन के चैंग ई-5 मिशन का टुकड़ा है। बिल ग्रे प्रोजेक्ट प्लूटो सॉफ्टवेयर को मैनेज करते हैं, जो आमतौर पर पृथ्वी के पास की वस्तुओं को ट्रैक करता है। ग्रे पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने यह बताया था कि एक रॉकेट चांद की सतह की ओर बढ़ रहा है। वैसे सात वर्ष पहले कैटालिना स्काई सर्वे और ब्राजील के खगोलविदों ने पहली बार यह बताया था कि एक वस्तु सूर्य का नहीं, पृथ्वी का चक्कर लगा रहा है और संकेत दिया था कि हो सकता है वह वस्तु मानव-निर्मित हो।

पहले हुई थी पहचान में गलती

खगोल वैज्ञानिक ने अपने ब्लॉग को अपडेट करते हुए कहा है, ‘मैंने इस वस्तु को गलती से 2015-007बी वस्तु के रूप में पहचान लिया, दूसरे स्टेज का डीएससीओवीआर स्पेसक्राफ्ट। अब हमारे पास अच्छे साक्ष्य हैं कि यह दरअसल 2014-065बी है, चैंग ई 5-टी1 चंद्रमा मिशन का बूस्टर। हालांकि, यह अभी भी चांद की सतह से टकराएगा, अनुमानित स्थान से कुछ ही किलोमीटर के दायरे में।’

पहले पुराना फाल्कन-9 रॉकेट बताया गया था

इससे पहले उस खगोल वैज्ञानिक ने जिस रॉकेट की पहचान की थी, वह स्पेसएक्स का पुराना फाल्कन-9 रॉकेट था, जिसे 2015 में डीप स्पेस क्लाइमेट ऑब्जर्वेटरी सैटेलाइट से लॉन्च किया गया था। उन्होंने कहा था कि पेलोड को सफलतापूर्वक डिप्लॉय करने के बाद टू-स्टेज रॉकेट में पृथ्वी के वायुमंडल तक लौटकर जल जाने लायक ईंधन नहीं बचा है। उसमें इतनी भी ऊर्जा नहीं है कि वह पृथ्वी-चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण से निकल पाए, जिसकी वजह से यह बेकाबू होकर कक्षा में रहने को मजबूर है।

23 अक्टूबर, 2014 को चीन ने लॉन्च किया था चंद्र मिशन

लेकिन, अब उन्हें पक्का यकीन है कि चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा रॉकेट का मलबा दरअसल, चीन के चैंग ई 5-टी1 मिशन का है, जिसे उसने 23 अक्टूबर, 2014 को लॉन्च किया था। उन्होंने कहा है, ‘यह स्पष्ट नहीं है कि चांग’ई 5-टी1 बूस्टर चांद के नजदीक कब गया होगा, लेकिन लॉन्च के चार दिन बाद लगभग एक उचित अनुमान होगा।’

4 मार्च को मलबे के चांद से टकराने पर गड्डा बनेगा

अपने निष्कर्षों की पुष्टि करते हुए, उन्होंने बताया कि खगोलशास्त्री जोनाथन मैकडॉवेल ने एक शौकिया रेडियो क्यूबसैट के लिए ऑर्बिटल एलिमेंट भेजे हैं, जो उस बूस्टर से काफी करीबी मैच करता है। हालांकि, पहचान जरूर बदली है लेकिन इसके बावजूद, मलबा अभी भी 4 मार्च को चंद्रमा से टकराएगा यह तय है और गड्ढों से भरी चंद्रमा की सतह पर एक नया गड्ढा बनाएगा।

 

 

 

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